डेंचर या बत्तीसी के टॉप 10 सवाल
डेंचर या बत्तीसी कुछ ऐसा होता है जिसका उपयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जिनके मुंह में एक से अधिक दांत नहीं होते हैं। इसका मतलब है कि ये लोग न तो कुछ खा पी सकते हैं और न ही अपनी दिखावट पर ध्यान दे सकते हैं। इसलिए, उन्हें डेंचर या बत्तीसी चाहिए होती है। इन्हें बनाने के कुछ तरीके होते हैं जैसे स्थायी डेंचर और अस्थायी डेंचर आदि। अब आपके मन में कुछ सवाल हो सकते हैं, जिनके जवाब आप जानना चाहते होंगे, इसलिए हमने आपके लिए यहां “डेंचर या बत्तीसी के टॉप 10 सवाल” पेश किए हैं, जो आपकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
डेंचर क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
डेंचर एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग वह व्यक्ति करता है जिसके सारे दांत नहीं होते हैं या फिर उन्हें निकालना पड़ता है। डेंचर दाँतों का एक प्रकार का बनाया गया प्रतिस्थापन होता है जो मुख्यतः प्लास्टिक से बना होता है। डेंचर का इस्तेमाल उस समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति के सारे दांत गिर गए होते हैं या उन्हें निकालना पड़ता है। डेंचर के अलावा, इसे उन लोगों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है जो अपनी स्वस्थ दांतों के बीच जगह बढ़ाना चाहते हैं।
क्या डेंचर असली दांत की तरह दिखता है और क्या उसे फिक्स किया जा सकता है?
डेंचर असली दाँत नहीं होते ये प्लास्टिक से बने होते हैं, लेकिन अच्छी क्वालिटी के डेंचर में बिल्कुल असली लगने वाले दांत और मसूड़े लगाए जा सकते हैं। असली दाँतों में ठंडा और गरम का एहसास होता है…कुछ ऐसे डेंचर भी होते हैं जिनमें ठंडा, गरम, चबाने का दबाव महसूस किया जा सकता है।
सामान्यतः डेंचर हर रात को सोने से पहले साफ करके पानी में रखना पड़ता है, लेकिन इन्हें डेंटल इम्प्लांट द्वारा फिक्स भी किया जा सकता है।
डेंचर के प्रकार कौन से होते हैं और क्या उनकी कीमतों में अंतर होता है?
डेंचर तीन प्रकार के होते हैं। पर्शियल डेंचर, पूर्ण डेंचर और ओवरडेंचर। पर्शियल डेंचर उन लोगों के लिए होते हैं जिनके सिर्फ कुछ दांत ही खो गए होते हैं। पूर्ण डेंचर उन लोगों के लिए होते हैं जिनके एक जबड़े में कोई भी दांत नहीं होते हैं। ओवरडेंचर उन लोगों के लिए होते हैं जो डेंचर को स्टेबल और फिक्स करना चाहते हैं।
डेंचर की कीमतें भारत में भिन्न-भिन्न होती हैं। पर्शियल डेंचर की कीमत लगभग 8,000 रुपए से शुरू होती है जबकि पूर्ण डेंचर की कीमत 13,000 रुपए से शुरू होती है। ओवरडेंचर की कीमत लगभग 90,000 रुपए से शुरू होती है। ये कीमतें विभिन्न इलाकों और डेंचर की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती हैं। भारत में डेंचर की अधिक जानकारी और कीमतें जानने के लिए इस लिंक पर जाएं: https://cobysta.comdental-services/denture-cost-gurgaon/
डेंचर बनवाने में कितना समय लगता है ?
डेंचर बनाने में समय डेंचर के प्रकार और डेंटिस्ट के काम के अनुसार भिन्न होता है। जबकि सामान्यतः डेंचर बनाने में 2 से 3 हफ्ते लग सकते हैं। इसमें डेंटिस्ट द्वारा दांतों की मूल्यांकन, मुँह का मॉल्ड, डेंचर का डिजाइन और फिटिंग का काम शामिल होता है।
क्या डेंचर पहनने से खाने पीने में कोई समस्या होती है?
जी हाँ, कुछ लोगों को डेंचर पहनने के दौरान खाने और पीने में दिक्कत हो सकती है। अगर डेंचर ठीक से फिट नहीं है तो खाने-पीने में उन्हें असहजता होती है और डेंचर भी उतर सकता है। कुछ लोगों को डेंचर से चटपटा खाने के बाद जीभ या मुंह में चोट लगने की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए डेंचर के पहनने से पहले खाने-पीने के लिए उन्हें उत्तेजित नहीं करना चाहिए। समय-समय पर डेंचर की सफाई करने से भी खाने-पीने में आसानी होती है और डेंचर को सुरक्षित रखा जा सकता है।
क्या डेंचर के साथ बोलने में कोई समस्या होती है?
हां, कुछ लोग डेंचर पहनते समय बोलने में मुश्किल महसूस करते हैं। इसका मुख्य कारण डेंचर की फिटिंग कमजोर होना होता है। अगर डेंचर का सही से फिटिंग नहीं होता तो इससे बोलने में मुश्किल हो सकती है। इससे बचने के लिए डेंचर के सही से फिटिंग का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर फिटिंग ठीक नहीं होती है तो डेंचर निकाल कर उसे फिर से सेट करने की आवश्यकता हो सकती है।
क्या डेंचर को नियमित रूप से साफ करना जरूरी होता है और यह कैसे किया जाता है?
जी हां, डेंचर को नियमित रूप से साफ करना जरूरी होता है। अगर डेंचर को साफ नहीं किया जाता है तो इसमें कीटाणु और अन्य अवशेष जमा हो सकते हैं जो आपके मुंह में संक्रमण के कारण हो सकते हैं।
डेंचर को साफ करने के लिए, आपको हल्के गरम पानी में साबुन या डेंचर के लिए विशेष चार्जर का उपयोग करना चाहिए। उसके बाद, आपको उन्हें अच्छी तरह से धो लेना चाहिए और उन्हें ठंडे पानी में धो लेना चाहिए। अधिकतम समय जो डेंचर को पानी में भिगोया जाना चाहिए, वह एक घंटा होता है। इसके अलावा, आपको अपने डेंचर के लिए विशेष टूथब्रश का उपयोग करना चाहिए जो उन्हें साफ करने में मदद करता है।
अधिक जानकारी के लिए, आप डेंचर स्पेशलिस्ट से सलाह ले सकते हैं।
क्या डेंचर को रात्रि में पहनना जरूरी होता है या उसे उतार देना चाहिए?
डेंचर को रात्रि में पहनना अत्यंत आवश्यक नहीं होता है। आमतौर पर, पूर्ण डेंचर को रात्रि में निकालना और साफ करना चाहिए, ताकि डेंचर और मुंह के अंदर की सफाई भी हो सके। अन्य प्रकार के डेंचरों को भी रात्रि में निकालने और साफ करने की सलाह दी जाती है।
क्या डेंचर के साथ नियमित रूप से चेकअप के लिए जाना जरूरी होता है?
जी हाँ, डेंचर के लिए नियमित चेकअप बहुत जरूरी होता है। डेंचर को निरंतर उपयोग में लेने से उसमें कुछ परिवर्तन हो सकते हैं, जो समस्याओं का कारण बन सकते हैं। डेंचर के चेकअप में डेंटिस्ट आपके मुंह की स्थिति की जांच करेगा और आवश्यकतानुसार समस्याओं का समाधान करेगा। डेंचर के चेकअप को लगभग 8-10 महीने में एक बार कराना चाहिए।
क्या डेंचर के साथ धूम्रपान करना संभव है?
नहीं, डेंचर के साथ धूम्रपान करना संभव नहीं होता है क्योंकि यह डेंचर को यकीनन नुकसान पहुंचाएगा और इससे डेंचर की उम्र कम हो सकती है। इसके अलावा, धूम्रपान से संबंधित कई और समस्याएं भी हो सकती हैं जो मुंह में डेंचर के लिए अधिक संक्रमण का खतरा पैदा कर सकती हैं।
कभी भी डेंचर बनवाने के लिए केवल योग्य डेंचर स्पेशलिस्ट से ही बनवाएं। डेंचर स्पेशलिस्ट के पास MDS (प्रॉस्थोडॉन्टिक्स) उपाधि होती है। डेंचर एक मूल्यवान उपकरण होता है, गलत ढंग से बनाया गया डेंचर आपको चोट पहुंचा सकता है और बचे हुए दांतों या मसूड़ों में गंभीर क्षति का कारण बन सकता है।
Dr. Jyoti Singh (MDS), Diplomate WICO (Japan region) stands as a beacon of excellence in implantology within Delhi NCR region. She is a BDS and MDS(Prostho) both from Maulana Azad Institute of Dental Sciences, where she secured top honors with all India rank 1 in PG entrance examination. Her extensive experience at esteemed institutions like Clove Dental and her own Center for Dental Implants & Esthetics since 2016, Dr. Singh embodies unparalleled expertise in dental implants.
Boasting a wealth of 16 years in dentistry and backed by 18 groundbreaking research papers in leading international journals (google scholar), she epitomizes the pinnacle of proficiency and innovation in her field. She practices in Gurugram.